विटामिन डी की कमी के लक्षण और उपचार

in #steempress4 years ago


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सूरज की रौशनी को विटामिन डी के मुख्य स्त्रोत के रूप में जाना जाता है, सूर्य की रोशनी के संपर्क में आने से शरीर में विटामिन डी निर्माण होता है। यह कुछ खाद्य पदार्थों जैसे अनाज और अन्य माँसाहारी भ­à¥‹à¤œà¤¨ में स्वाभ­à¤¾à¤µà¤¿à¤• रूप से भ­à¥€ पाया जाता है लेकिन फिर भ­à¥€ धूप ही इसका मुख्या स्त्रोत माना जाता है।

क्या होता है विटामिन डी?

विटामिन डी का रासायनिक नाम

विटामिन डी का रासायनिक नाम कैल्सिफेरोल(calciferol) है। मनुष्यों में, इस समूह में सबसे महत्वपूर्ण यौगिक विटामिन डी 3 जिसे कोलेकल्सीफेरोल(cholecalciferol) भ­à¥€ कहा जाता है और विटामिन डी 2 जिसे रासायनिक भ­à¤¾à¤·à¤¾ में एर्गोकैल्सीफेरोल(ergocalciferol) कहते हैं।

शरीर में विटामिन डी कितना होना चाहिए?

विटामिन डी शरीर में कितना होना चाहिए इसके लिए विभ­à¤¿à¤¨à¥à¤¨ संस्थाओं द्वारा विटामिन डी की शरीर में न्यूनतम मात्रा अलग-अलग बताई गयी है लेकिन The Vitamin D Council ने इसकी आदर्श मात्रा 40-80 ng/mL(नेनोग्राम प्रति मिलीलीटर) निर्धारित की है। वहीँ 20ng/ml की मात्रा को शरीर में विटामिन डी की कमी माना गया है। नार्मल विटामिन डी लेवल्स हमारे शरीर को कई रोगों से बचता है।

क्यों जरुरी है विटामिन डी हमारे लिए?

यह वसा में घुलनशील सेकोस्टरॉइड (fat-soluble secosteroids) का समूह है जो कैल्शियम, मेग्नीशियम और फॉस्फेट सहित अन्य तत्वों के हड्डियों में अवशोषण में महत्वपूर्ण भ­à¥‚मिका निभ­à¤¾à¤¤à¤¾ है। इसकी अनुपस्थिति में धीरे-धीरे हड्डियॉं कमजोर होने लगती है।

इसके अतिरिक्त शरीर में विटामिन डी की सही मात्रा से बहुत रोगों जैसे टाइप 1और टाइप 2डाइबिटीज, उच्च रक्तचाप, ग्लूकोज असहिष्णुता(glucose intolerance), और मल्टीपल स्केलेरोसिस से बचाव में मदद मिलती है।

शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भ­à¥€ इसका महत्वपूर्ण योगदान होता है।

विटामिन डी की कमी के कारण

भ­à¥‹à¤œà¤¨ में पर्याप्त विटामिन डी का न होना

Vit D की कमी बहुत आम है, ज्यादातर व्यक्तियों में इसकी मात्रा आदर्श मात्रा से कम ही पायी जाती है। इसका मुख्य कारण पर्याप्त धूप सेवन नहीं करना है। चूँकि सूर्य का प्रकाश ही मुख्य रूप से हमारे शरीर की विटामिन डी की जरूरत को पूरा करता है क्योंकि भ­à¥‹à¤œà¤¨ से यह बहुत ही सिमित मात्रा में और विशेषकर शाकाहारी भ­à¥‹à¤œà¤¨ से इसकी आवश्यक मात्रा प्राप्त नहीं होती है।

पर्याप्त धूप का सेवन नहीं करना

आज की जीवन-शैली हमें धूप से बचाव करने के लिए प्रेरित करती है और प्रतिदिन आवश्यक सूर्य का प्रकाश नहीं मिलने के कारण शरीर में पर्याप्त विटामिन डी नहीं बन पाता है। इसके अतिरिक्त अगर आप का काम ऐसा है कि आप ज्यादातर घर या ऑफिस में ही रहते हैं या किसी



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