बहुत अच्छी पोस्ट थी भाई।
वैसे जाट रेजिमेंट खड़ी करदी सरकार ने चिनियां तै निपटान खातर। बाल ना पाटे उनते।
मगर•••
अगर बात करे हार जीत की तो भाई थोड़ा प्रैक्टिकल होने की जरूरत है।
आधुनिक हथियार
सैन्यसंख्या
बहुत मायने रखती है। इसका उदाहरण पिछला भारत चीन युद्ध है।
तुम्हारी एक पोस्ट और पढ़ी थी जिसमे सामान ना लेवण की बात करि थी तो भाई भारत सिर्फ 3% हिस्सा है उसके कुल व्यापार का। तो उसको इससे ज्यादा फर्क ना पड़ने वाला।
अब बात करें उसके मुकाबले की तो भाई भले ही हमारे पास आधुनिक हथियार हो या ना हो मगर हमारे सैनिकों के पास जिगरा है । जिगरे में ही दम होता है।
दोनो नुक्लेअर शक्ति हैं तो भूल पर भी चीन हमला नही करेगा।
आज भारत युवा देश है, और उसकी युवा शक्ति बर्बाद होने में लगी है। वाकई में हमे इस मोर्चे पर चीन से सीखने की जरूरत है कि कैसे उसने अपने आप को बाजार की दृष्टि से इतना सक्षम बना लिया कि सबको सामान के लिए उसकी ओर देखना पड़ता है।
बिल्कुल उसकी तरह हमे भी घर घर मे फैक्ट्री लगाने की जरूरत है जिसकी हमारे युवाओं को रोजगार मिल सके। चीन के बाजार को हम अपने सामान से सम्पूर्ण विश्व में खत्म कर सकें।
आज लड़ाई सैन्य नही रह गयी आज की लड़ाई बाजार की लड़ाई बन गयी है। उसको इस तरह हराना सबसे कारगर है।