यदि आप पशुओं के जीवन का सम्मान करते हैं तो उन्हें अपना जीवन जीने दें। जब-जब मानव पशुओं का "उपयोग" कर अपना स्वार्थ-साधना चाहता है, वह उनके शोषणकी शुरुआत करता है।
क्रूरता क्रूरता होती है, न्यूनतम अथवा अधिकतम। सवाल क्रूरता को कम करने का नहीं है, उसे समूल समाप्त करने का है। "मानवीय-हत्या " जैसा कोई शब्द नहीं है।