India will have to work hard for further..

in #steempress6 years ago

भले ही इंडिया बांग्लादेश के खिलाफ एशिया कप की फाइनल में जीता है, परन्तु इंडिया के लिए ये मैच संतुष्टिजनक नहीं था। बांग्लादेश शुरुवात में १२० रन तक कोई विकेट नहीं गवाया था लेकिन शेष पर्यन्त 222 रन बनाकर आल आउट हो गए। साथ ही भारत को 222 रन तक पहुंचने के लिए आखिरी गेंद तक लड़कर ०७ विकेट गवाकर २२३ रन बना पाया और नतीजतन भारत एशिया कप की टूर्नामेंट जीत लिया। यह बांग्लादेश का एक और पहलू है। शुक्रवार को दुबई में एशिया कप में बांग्लादेश को जो एक नया रूप में देखा है, यह एक नया बांग्लादेश है। जब श्रीलंका और पाकिस्तान की तरह विश्व कप जीतने वाली टीम, बांग्लादेश की सामने विफलता के अंधेरे को कवर हो गया था, तो बांग्लादेश के लिए यह एक अच्छी खबर है।

और शुक्रवार को इस एशिया कप फाइनल ने क्रिकेट दुनिया को एक संदेश भेजा होगा कि किसी भी स्थिति में भारत को पराजित नहीं किया जा सकता है और साथ में भारतीय क्रिकेटर को यह भी एहसास हुआ कि किसी प्रतिद्वंद्वी को कम महत्व देने का सवाल नहीं किया जाना चाहिए । कुछ महीने पहले, श्रीलंका में निधास ट्रॉफी के फाइनल में, दिनेश कार्तिक, जिन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ आखिरी ओवर में भारत को फाइनल जीताया था, उसी क्रम में केदार जाधव ने शुक्रवार को भारत को अंतिम गेंद पर जीता दिया था। इन दोनों मामलों में यह समझा जाता है कि बांग्लादेश ने सीमित ओवरों के क्रिकेट में धीरे-धीरे भारत के ऊपर सांस लेने शुरू कर दिया है। अब बांग्लादेश के लिए एक समान चुनौती का करने की आदत बन गई है। अनुभव की कमी के कारण, वे इस दबाव को जीत नहीं सकते हैं। शायद यह अनुभव की कमी के कारण है। उन्हें इस समस्या को दूर करने में अधिक समय नहीं लग सकता है। जिस तरह से मशरफी मुर्तजा ने इस दिन की शुरुआत से भारत पर दबाव डाला है, फिर इसे स्वीकार किया जाना चाहिए। १७ ओवर तक बांग्लादेश ने जिस तरह से शिखर धवन, अंबाती रायुडू और रोहित शर्मा जैसे बड़े दिग्गजों को आउट कर इंडिया को मुश्किल घडी में खड़ा कर दिया था, 30 ओवरों के बाद, दिनेश कार्तिक और महेंद्र सिंह धोनी को आउट कर और ज्यादा दबाव डाला था इंडिया के ऊपर। उन्होंने ये दवाव आखिरी गेंद तक रखा।

बांग्लादेश की ओपनर बल्लेबाजों को छोड़कर अन्य बल्लेबाजों ने असफल रहा लेकिन गेंदबाजों ने गेंदबाजी करने और अनूठे क्षेत्ररक्षण के लिए अपने टीम को जीत के दरवाजे पर लाया। लेकिन अनुभव की कमी के कारन आखिरी गेंद उन्हें जीतने का मौका नहीं दिया।

जिस समय भारत का भाग्य महेंद्र सिंह धोनी के हाथों में था, ऑफ स्टंप के बाहर गेंद खेल रहा था और मुशफिकुर के अच्छा फील्डिंग के कारन पीछे पकड़ा गया था। बल्लेबाजी के लिए धोनी को इस बार सोचना पड़ना पड़ेगा । पिछले दस मैचों में उनकी 50 रन की पारी नहीं है। उन्होंने श्रीलंका में आखिरी 50 रन बनाए थे । नीचे हो जाने के कारण दिनेश कार्तिक को एलबीडब्ल्यू में आउट दिया गया था, चयनकर्ताओं को उसके बारे में सोचना होगा। उसे विश्व कप में ले जाना संभव हो सकता है या नहीं। शुक्रबार के दिन भारत के लिए बिलकुल आसान नहीं था। लकिन तेज धोनी की प्रशंसा जरूर करना पड़ेगा। जिस तरह से लिटन दास को 0.16 सेकेंड में गेंद को पकड़ कर स्टंप तोडा है, यह वास्तव में कमाल था। अंत में ये कहना चाहता हु जो भी हो शुक्रबार की मैच एक रोमांचक मैच था, जो दर्शक को भरपूर आनंद दिया था।

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धन्यबाद



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