सत्यवचन कहा आपने । ईश्वर ने मनुष्य का मष्तिस्क ऐसा शक्तिशाली बनाया है कि इसमें अच्छा बुरा सोचने एवं उसे परिभाषित करने की क्षमता है ।क्रोध से नकारात्मक विचार का जन्म होता है एवं वैमयनस्ता का जन्म होता है ।क्षमा से सकारत्मकता का जन्म होता है ।एक बार फिर से आपकी लेखनी ने बहुत प्रभावित किया आपका बहुत बहुत साधुवाद।
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