मुस्लिम शिक्षा पद्धति

in #social6 years ago

किसी भी समाज को प्रगतिशील बनाने मे शिक्षा का अहम् योगदान होता है। शिक्षा से ही इन्सान का आन्तरिक विकास होता है। अशिक्षित मनुष्य को पशु समान तक कहा जाता है। आज समस्त संसार में मुस्लिम समाज सबसे पिछड़ा माना जाता है।

मुसलमानो की शिक्षा की शुरुआत धर्मग्रन्थ कुरान से होती है। मुसलमान के पास कोई और किताब मिले या ना मिले, लेकिन कुरान जरुर मिलेगी। आज कुरान के लाखों हाफिज हैं, जिन्हे पुरा कुरान याद है। रमजान के पूरे महीने प्रतिदिन 1-2 घन्टे कुरान का पाठ होता है। पुरी दुनिया को इस पर आश्चर्य होता है कि आखिर एक कुरान को मानने वाले मुसलमान आपस मे एक-दुसरे के जान के दुश्मन क्यों होते हैं? इस्लाम मे शिक्षा के महत्व का अन्दाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कुरान की पहली आयत जब आयी थी तो उसकी शुरुआत ‘इकरा’ शब्द से हुई, ‘इकरा’ का मतलब ‘पढो’। लेकिन मुसलमानो ने कुरान को पढा कितना है, क्या मुसलमानो कि आस्था सच मे कुरान पर उतनी है जितनी पुरी दुनिया को दिखायी देती है?

बलात्कारी की सजा मौत- जब पुरी दुनिया में कहीं भी बलात्कार होता है तो दुनिया के सारे मुस्लिम चिल्ला-चिल्ला कर कहते हैं कि बलात्कारियों को इस्लाम के अनुसार मौत की सजा दी जाए, इससे बलात्कार कम होंगे। लेकिन कुरान में बलात्कार की सजा के बारे मे कुछ भी नही लिखा है। इस्लाम के दूसरे खलिफा हजरत उमर बलात्कारी को 100 कोडे मारने की सजा दिया करते थे।

करबला की बला- कई मुस्लिम करबला की कहानी सुनने मे ही पुरी जिन्दगी बिता देते है। शासक यजीद के ऊपर इमाम हुसैन के कत्ल करने का आरोप लगाकर पुरी जिन्दगी ‘यजीद’ को कोसने मे ही खत्म हो जाती है। कुरान के अनुसार ‘बद्र की लडाई’ सबसे बेहतर धर्मयुद्ध है लेकिन इस लडाई का नाम भी कोई नही जानता। इस्लाम मे हजारों धर्मयुद्ध है और लाखों शहीद है

दर्गाह पुजा – कुरान मे साधु सन्तों के मौत के बाद दर्गाह पुजने का आदेश भी नही है। इस्लाम मे साधु सन्तों की संख्या करोडों मे है अगर सब का दर्गाह बना दिया जाए तो इन्सान के रहने के लिये जगह भी नही बचेगी। कुरान के अनुसार इन्सानों मे सबसे बेहतर ‘नबी’ होता है। कुरान में 24-25 नबीयों का नाम लिखा हुआ है लेकिन इनमे किसी के दर्गाह का पता मालूम नही है।

मस्जिद को लेकर खून खराबा – पुरी दुनिया ने भारत मे एक मस्जिद के लिये लाखों इन्सानों का खून बहते देखा है। लेकिन कुरान मे एक इन्सान (मुस्लिम या गैर-मुस्लिम) की कीमत सबसे ज्यादा आंकी गई है।

हरा रंग और चांद-तारा – 1947 मे जब पाकिस्तान बना तो झन्डे में इस्लाम के नाम हरा रंग और चांद-तारा को लगा दिया। हरा रंग और चांद-तारा भी कुरान मे नही है।

दाढी – दाढी को मुसलमान की पहचान समझा जाता है लेकिन कुरान मे दाढी भी नही है।

मुस्लिम समाज के बारे में पुरी दुनिया यहाँ तक की ज्यादातर मुस्लिम भी यही समझते है कि मुस्लिम के 99% धार्मिक कर्म कुरान मे है लेकिन सच्चाई ठीक उलट है,

बचपन से हम यह सुनते आये है कि अगर थ्योरी का प्रैक्टिकल नही करे तो थ्योरी भी ठीक से नही समझ सकते। इसी कारण कई प्रतिभावान छात्र भी कामयाब नही हो पाते हैं। लेकिन मुस्लिम शिक्षा पद्धति मे थ्योरी किसी और विषय का होता है और प्रैक्टिकल किसी और विषय का। अब ऐसी शिक्षा पद्धति मे पढने वाले छात्रों से भला क्या उम्मीद की जा सकती है। मुस्लिम समाज के अन्दर सुधार की कोशिश करने वाले को सबसे पहले शिक्षा पद्धति मे सुधार की जरुरत है।

डिसक्लेमर : ऊपर व्यक्त विचार लेखक के अपने हैं

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Right bro education is very important for good society

Bhai is article ke bare me kuch bataye इस्लाम में बताया गया तीन तलाक का सही तरीका, जो ज्यादातर मुसलमान नहीं जानते https://steemit.com/muslims/@sam786/2cwk7c