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हे गार्गी! तुम केवल श्रद्धा हो
विश्वास-रजत-नग पगतल में
पीयूष-स्रोत-सी बहा करो
जीवन के सुंदर समतल में

arre tum toh mere hi pichhe padh gaye ho.. 🙆‍♀️