माँ की महिमा

in #way6 years ago

cows-2641195_1280.jpgPure चाहिए तो ज्यादा मेहनत करनी होती है जिनके घर में जगह है वो भाई बंधुजन भावना और ले आयें यानि मन में जगह बना लें ताकि गौ माता को घर में ला सकें और सेवा करें तो कृष्ण को भी लुभाती है ये कल्पना कि पूरा परिवार मिलकर गौ माता की सेवा कर रहा है जैसे गौ माता पूरे परिवार की लाडली हुई.... जो दूध देंगी फिर वो गौ माता वो कितना शुद्ध होगा है ना!उसका भोग लगेगा तो कृष्ण कितने प्रसन्न होंगे, जो गोमुत्र मिलेगा वो packed गोमुत्र से ज्यादा अच्छा होगा, ताजा गोमुत्र वैसे भी ज्यादा अच्छा माना जाता है, गोमुत्र के नित्य सेवन से लाभ होता है पूरे शरीर को ,cancer पनपने की संभावना नित्य गोमुत्र सेवन करने वाले व्यक्ति को नहीं रहती ,cancer हो भी जाय तो भी गोमुत्र बहुत प्रभावशाली औषधि है तब भी,गोमुत्र गुर्दों की कार्यक्षमता भी बढ़ाता है ,बस गरम होता है तो गर्मी के दिनों में थोड़ी मात्रा कम ही लेनी होती है इतनी सी सावधानी, घिन मत कीजिये ,गंगा माता का वास है गोमुत्र में, गाय अपने पास कुछ नही रखती जितना भी उन्हें दिया जाए प्यारी गो माता उसे बढ़ाकर लौटा देती हैं,प्यार से सेवा करोगे तो दुआ देकर लोक परलोक सँवार देंगी, अपने दुर्गा,आदिशक्ति और लक्ष्मी रूप से भी ज्यादा सहज रूप के बारे में सोचा जब माता शक्ति ने तो हम सब बछड़ों को प्यार देने और प्यार पाने तब माता गौ माता के रूप में प्रगट हुई ,उनका तो दर्शन भी पुण्यदायी है पर जिन गौ माता की सेवा की है उन गौ माता के बुढ़ापे में उनका तिरस्कार नही होना चाहिए ,कलियुग में भी गौ माता की कम सेवा नही होती पर गौ माता के कष्ट समय पर उनका तिरस्कार कर देने से सारी सेवा का फल नष्ट हो जाता है ,अमरीकी लोग गौ माता की कम सेवा नही करते पर वो सेवा का फल नष्ट भी करते रहते हैं गौ माता का मांस खाकर ,उन्हें मारकर और वहाँ बूढ़ी गौ माता तो एक भी नही बच पाती, सब काट देते वो तो उनकी आध्यात्मिक तरक्की धीमी रहती चाहे भौतिक ज्ञान कितना भी क्यों न बढ़ जाये.... आध्यात्मिक उन्नति चाहिए तो किसी भी जीव के मांस को खाने से बचना चाहिए और गौ माँ को माँ मानने के लिए इतना सा common sense भी काफी है कि जो दूध पिलाये वो माँ ही होती है और गौ माता तो माओ में माँ हैं क्योंकि वो सिर्फ अपने दूध से ही नही बल्कि खुद से जुड़ी हर बात से हमारी सेवा करती हैं ।गौ माता द्वारा दी गयी सेवा के बिना और हमारे द्वारा उनकी की गई सेवा के बिना -इन दो बातों के बिना हमारा जीवन वाकई अधूरा है।