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RE: मन का माधुर्य : सेवा धर्म (भाग #१) | The Melody of Mind : Service Religion (Part # 1)

in #life7 years ago

महात्मा गाँधी का कथन हैं-”धर्म का मतलब, सत्य अर्थात् ईश्वर की प्राप्ति है। धर्म प्रेम का पन्थ है, फिर घृणा कैसी, द्वेष कैसा, मिथ्याभिमान कैसा? मनुष्य एक ओर तो ईश्वर की पूजा करे, दूसरी ओर मनुष्य का तिरस्कार करे, यह बात बनने लायक नहीं।”